मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Saturday, August 21, 2010
बाल कविता- फूल /FLOWER
फूलों की खुशबू है अच्छी , मत तोड़ो जो कली हो कच्ची ॥ बाग - बगीचे खिल जाते हैं , फूलों सी हो सच्ची बच्ची ॥ लाल रंग का फूल कमल है , लाल गुलाबी दिखे गुलाब ॥ गेंदे का रंग होता पीला , सतरंगी है अपने ख्वाब ॥ फूलों से माला बनती है , पूजा की थाली सजती है ॥ फूलों से है प्यार पनपता , फूल लदी नारी लजती है ॥ - - उदय भान कनपुरिया
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