मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Thursday, August 19, 2010
बाल कविता- बधाई पत्र
अभी अभी मेरे दिल में खयाल आया है॥ हजारों लाखों बहारेँ ये साल लाया है। सभी बड़ों को तो हमने प्रणाम भेजे हैं। करके बंद हमने लिफाफे में प्राण भेजे हैं।- -उदय भान कनपुरिया
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