Tuesday, August 17, 2010

बाल कविता- मेरे मम्मी पापा(POEM-MY PARENTS)

पापा मेरे तोँदूमल हैं, मम्मी है फूलों की बेल । पापा मेरे बिलकुल बुद्धू ,मम्मी है नाँलेज की रेल। पापा मेरे बड़े भुलक्कड़ ,मम्मी को सब याद रहे।पापा का बटुआ है खाली, माँ का धर आबाद रहे। पर मेरे पापा हैं सीधे , मुझको हरदम भाते हैं। मेला मुझको ले जाते हैं, झूले पर झुलवाते हैं॥ --उदय भान गुप्ता

1 comment:

  1. पक्का, मम्मी से लिखवाई है कविता किसी बच्चे ने..हा हा!!


    एक निवेदन:

    कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये

    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:

    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
    इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..जितना सरल है इसे हटाना, उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये.

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