Friday, August 20, 2010

बाल कविता- लेह में बादल फटा

भगवान हमें लेह जैसी दैवीय आपदाओं से बचाए और वहाँ के कष्ट जल्दी दूर हों। कृपया सभी देशवासी सहायता करें। दोहे - 1:बादल फटा लेह में, हुई जिंदगी चित्त।ईश्वर का परकोप यह, हम सब मात्र निमित्त॥ 2: प्रकृती से खिलवाड़ कर , तुम बनते बलवान। उसकी लाठी जब चले , बूझे न कोई नाम॥ 3: सभी जुटे धन धान्य संग, लेह बनावन लागि।का करि के तुम बैठी रहि, काहे न देत सहाई॥ - - उदय भान कनपुरिया

1 comment:

  1. आपके दोहे भाव प्रधान तो हैं परन्तु उनकी मात्रीय त्रुटियाँ दूर करने का प्रयास करें.
    आपसे हमें काफी संभावनाएं हैं.
    -विजय

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