Thursday, August 19, 2010

बाल कविता- बधाई पत्र

अभी अभी मेरे दिल में खयाल आया है॥ हजारों लाखों बहारेँ ये साल लाया है। सभी बड़ों को तो हमने प्रणाम भेजे हैं। करके बंद हमने लिफाफे में प्राण भेजे हैं।- -उदय भान कनपुरिया

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