मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Wednesday, September 29, 2010
बाल कविता छुट्टी
रविवार को छुट्टी होती , बाकी दिन होता है काम । दिन में आटा चक्की चलती , रातों को हर शह आराम । दंगा, क्रिकेट , जनम , मरण दिन , भारत में हर दिन अवकाश । ऐसा चलता रहा तो इक दिन भारत बन जाएगा दास । बीजेपी का भारत बंद , कांग्रेस का भारत बंद । मत कर छुट्टी ज्यादा भइया , देश चलेगा बिलकुल मंद । - - उदय भान कनपुरिया
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