मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Wednesday, September 29, 2010
कविता - महात्मा गाँधी
गाँधी बाबा बड़े साहसी, उनकी ताकत श्रेष्ठ विचार ॥ आगे -आगे बापू चलते , पीछे उनके देश का प्यार ॥ भारत माँ का इक गुजराती , जिसने बदला दुनिया को ॥ अंग्रेजोँ की जड़े खोद कर , उन्हें खदेड़ा बाहर को ॥ खादी धारी एक फकीरी , चरखा काते जीते दिल ॥ धर्म स्वदेशी , कर्म स्वदेशी , आजादी उनकी मंजिल ॥ न गन न तलवार उठाते , दुश्मन के बन जाते मीत ॥ दो अक्टूबर को भारत मेँ , सब गाते हैं उनके गीत ॥ - उदय भान कनपुरिया
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