मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Tuesday, September 7, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Waah Bhaii kyaa khoob kahi....Parantu kyaa aao sochte hai ye itne samajhdaar hain? Ab yah peedhi pardavihin ho chuki hai. aur kade, aur nange shabdon ka upyog karna padegaa. Ghabraaiyega nahi main bhi saath hun.
ReplyDelete