मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Monday, September 6, 2010
मेरी बहन मीतू
इस जीवन की आशा है जो , सदा सरल परिभाषा है जो ॥ सबसे सुंदर मुस्कान लिए , आकाशी अभिलाषा है जो ॥ नयनोँ की आभा बनी रहे , चहरे की कांति चमक जाए ॥नित नए जोश से भर कर वो , सारी दुनिया पर छा जाए ॥ आशीष मेरा हर पल तुझ पर , ईश्वर तुझ पर उपकार करें ॥ तुम स्वस्थ रहो आजीवन भर , धन -धान्य भरा घर - द्वार रहे ॥ मीतू मेरी बहना प्यारी , मैं हर पल तुमको याद करूँ ॥ जब जो चाहो कहना मुझसे , मैं हर पल दिल के पास रहूँ ॥ - - उदय भान कनपुरिया
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