मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Wednesday, December 29, 2010
नया साल 2011 और मँहगाई
सबसे पहले आप सभी को नए साल की हार्दिक बधाइयाँ । बीते वर्ष दूध , प्याज , टमाटर , दालें , पेट्रोल इत्यादि के दामों को हमने रातों - रात बढ़ते देखा है । 15- 20 दिनों बाद इन दामों पर सरकार का नियंत्रण हो जाता है । और इस बीच मुनाफाखोर करोड़ से अरबपति बन जाते है । 2011 में मेरा सरकार और मुनाफाखोरोँ की मंडली से प्रश्न है - 1-' कौन बनेगा करोड़पति ? ' , 2- ' कौन बनेगा अरबपति ? ' मेरे पिता जी का कहना है कि ' जिस घर में परिवार का सदस्य ही चोर हो उस घर को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता । ' हमारे देश का वही हाल होने वाला है । मेरे देश के चोरोँ !/ भ्रष्टाचारियों ! 2011 में गंगा नहाओ , सुधर जाओ । - आपका अपना भारतवासी - - ' उदय भान कनपुरिया '।
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