मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Friday, December 24, 2010
नया साल 2011
नए साल पर तुम्हें मुबारक ॥ हर इक अच्छी बात ॥ तुम हो मेरी मैं हूँ तेरा ॥ अपनी है हर रात ॥ चाँद तुम्हें अपनी कर लेगा ॥ घर में रहना छुपकर ॥ सुंदर महिला जल जाएँगी ॥ दिखेँगी मुड़ - मुड़ कर ॥ तुम हो प्यारी तुम हो सच्ची ॥ नया साल कहता है ॥ कभी कभी मस्ती कर लेना ॥ भी अच्छा रहता है ॥ happy new year 2011. - - - uday bhan knpuriya
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