Wednesday, September 29, 2010

कविता - महात्मा गाँधी

गाँधी बाबा बड़े साहसी, उनकी ताकत श्रेष्ठ विचार ॥ आगे -आगे बापू चलते , पीछे उनके देश का प्यार ॥ भारत माँ का इक गुजराती , जिसने बदला दुनिया को ॥ अंग्रेजोँ की जड़े खोद कर , उन्हें खदेड़ा बाहर को ॥ खादी धारी एक फकीरी , चरखा काते जीते दिल ॥ धर्म स्वदेशी , कर्म स्वदेशी , आजादी उनकी मंजिल ॥ न गन न तलवार उठाते , दुश्मन के बन जाते मीत ॥ दो अक्टूबर को भारत मेँ , सब गाते हैं उनके गीत ॥ - उदय भान कनपुरिया

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