Wednesday, October 27, 2010

बाल कविता- मेरी मम्मी

मुझे मम्मी के हाथों की रोटी पसंद ॥ मुझे मम्मी के हाथों का स्वेटर पसंद ॥ मुझे मम्मी के गाए भजन भाते हैं ॥ मुझे मम्मी के लाए ही ड्रेस भाते हैं ॥ मेरी मम्मी ही हम सब के कपड़े सिलेँ ॥ मेरी मम्मी ही हम सब से भेँटे मिलेँ ॥ मेरे भगवन मेरी तुमसे विनती यही ॥ मेरी मम्मी को कुछ भी सतावे नहीं ॥ मेरी मम्मी की तबीयत बनाए रखना ॥ मेरी मम्मी को हरदम हँसाऐ रखना ॥ - - - - उदय भान कनपुरिया

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