मैं उदय भान 'कनपुरिया' आप सभी का इस ब्लाग पर स्वागत करता हूँ। मैं अपने पिता श्री जगदीश चंद्र गुप्त एवं माता श्रीमती लक्ष्मी गुप्ता के आशीर्वाद से कविताओं की रचना करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएँगी।आप मुझे विषय भेजेँ(कमेंट्स लिखकर), मैं आपको उनपर कविता देने का प्रयास करूँगा ।
Tuesday, January 25, 2011
कविता 26 जनवरी 2011
गली बेँच देंगे । सड़क बेँच देंगे ॥ ये पेड़ों के जड़ की , पकड़ बेँच देंगे ॥ वतन के सिपाही अगर सो गए तो ॥ ये नेता धरा की अकड़ बेँच देंगे ॥
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